Thursday, October 25, 2007
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यूँ तो बकौल मिर्ज़ा ग़ालिब "यादे माजी अजाब है या रब" लेकिन मेरे लिए यादे माजी (यानी गुज़रे ज़माने की यादें) एक बड़ा सरमाया है।उन्हीं बेश कीमती यादों को सजोये रखने के लिए ये है मेरा ब्लोग.
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